Graphics Design कोर्स को कैसे सीखा जाता है?

how to learn graphic design course in hindi

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How to Learn Graphic Design In Hindi – Graphics Design कोर्स को कैसे सीखा जाता है? : Graphics Design स्किल है जिसको आप एक कला कह सकते हैं यह पूरा का पूरा प्रैक्टिकल कोर्स है इसमें आपको लगातार डिजाइन बनाने की प्रैक्टिस करते रेहनी पड़ती है।

Qualification Requirement For Graphic Design In Hindi

ग्राफ़िक डिज़ाइन सिखने के लिए आपके अंदर कोनसे गुण होने चाहिए।

qualification requirment for graphic design

Learn Graphic Design In Hindi: Graphics Design एक कला है यानी एक स्किल है । जिस तरह गिटार बजाना, या क्रिकेट खेलना, गाड़ी चलाना एक कला है उसी तरह ग्राफिक्स डिजाइन भी एक कला है। किसी भी कला के लिए कोई भी क्वालीफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती है.

इसका मतलब अगर कोई आर्टिस्ट बनना चाहता है या क्रिकेट प्लेयर बनना चाहता है तो कोई उससे यह नहीं पूछता कि आपकी Qualification क्या है? हर कोई उसकी कला से उस व्यक्ति को पहचानता है। इसी तरह Graphic Designing भी एक कला है जिस के लिए कोई मिनिमम क्वालीफिकेशन नहीं है।

आपका पोर्टफोलियो, आपकी Creativity, आपकी गुणवत्ता यही सब पहचान है डिजाइनर की। जिसमें यह सारी खूबियां है, कंपनी नौकरी देने को या उससे फ्रीलांस काम कराने को तैयार है। अगर आपकी English ठीक नहीं या कैलकुलेशंस वीक है तो भी आप अपना कैरियर इसमें बना सकते हैं।

आज हर कंपनी Skills की कदर करती है, और हर कंपनी को एक अच्छा Skilled Graphics Designer चाहिए होता है। आप Bapu Graphics में आकर स्किल्स का आंकलन कर के कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं. और यदि आप की स्किल्स अच्छी हैं तो आपके लिए ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स बहुत ही अच्छा विकल्प है।

प्रैक्टिकल वर्क, प्रैक्टिकल असाइनमेंट्स, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और प्रैक्टिकल एक्सरसाइज आपको इस कोर्स में एक अच्छा कैरियर बनाने में मदद करती है यह सब आप Bapu Graphics में प्रैक्टिस करते हैं और एक कंपनी में अच्छी सैलरी के साथ Graphic Designer बनते हैं.

How to Learn Graphic Design In Hindi

यह कोर्स सिर्फ इंस्टीट्यूट में क्लासेस लेने से नहीं परंतु प्रैक्टिकल काम करने से आता है। आपको इंस्टीट्यूट में रोज क्लास नहीं लेनी है परंतु क्लास के बाद जो काम मिलता है उसको जरूरी करना है।

प्रैक्टिस – Why Practise is Important?

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जितना काम करेंगे या जितनी प्रैक्टिस करेंगे उतनी इस में पारंगत मिलती है। नौकरी भी इसी आधार पर लगती है कि आपने पहले कितनी प्रेक्टिस की है। अगर काम करना आ गया तो को बहुत जगह पर नौकरी की संभावनाएं खुल जाती हैं। हर कंपनी को ग्राफिक डिजाइनर की आवश्यकता रहती है। आवश्यकता होती है काम करने वाले ग्राफिक डिजाइनर की।

प्रैक्टिकल ट्रेनिंग जरुरी हे – Practical Training Is Important

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जो इंस्टीट्यूट आपको प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दे क्लास के बाद काम दे। आप से काम करवाएं और आपका काम चेक करके उसमें जितनी गलतियां हो बताएं। उसी इंस्टीट्यूट में ही ट्रेनिंग बढ़िया हो रही है। यह देखना बहुत जरूरी है किसी भी इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने से पहले। Graphics Design कोर्स करने के बाद बहुत बड़ा स्कोप है, स्कोप उनके लिए है जिन्हें काम करना आ गया है, कोर्स करने के बाद कोई स्कोप नहीं है काम सीखने के बाद स्कोप है, तो उस इंस्टीट्यूट को चुनें जो काम सिखा रहा है सिर्फ कोर्स नहीं करा रहा।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग बहुत जरूरी है रोज के कम से कम 5 डिजाइन बनाने बहुत जरूरी है जो इंस्टीट्यूट द्वारा आपको हर क्लास के बाद दिए जाएंगे आप सही ढंग से बना सकेंगे तभी आप नौकरी पा सकेंगे। Bapu Graphics Institute का 500 से भी ज्यादा कंपनियों के साथ जुड़ाव है तो हम आपकी प्लेसमेंट इन सब कंपनियों में लग जाते हैं जिनका इंटरव्यू हमारे ऑफिस में ही होता है और काम आने पर आपको सीधी नौकरी मिलती है किसी जानकार या रिश्तेदार को भी यह कोर्स आता है आप उसको भी यहां पर इंटरव्यू के लिए ला सकते हैं जिसे क्लियर करने पर उसे नौकरी दी जाएगी।

नौकरी – Job After Graphic Design Course In Hindi

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बापू ग्राफिक्स का एकमात्र लक्ष्य है कि हर इस कोर्स करने वाले को नौकरी उपलब्ध करा सके नौकरियां बहुत है, इंडस्ट्री बहुत बड़ी है, काम करने वालों की कमी है, प्लेसमेंट के कोई चार्ज नहीं लेता। नौकरी लगवाना कंपनी को सही कैंडिडेट पहुंचाना बापू ग्राफिक्स का एक मात्र लक्ष्य है। ग्राफिक्स डिजाइन कोर्स करने के लिए आपको डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर सीखने होते हैं जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है जैसे Corel Draw, Adobe Photoshop, Adobe Indesign और Adobe Indesign
इनमें से कोई एक सॉफ्टवेयर भी आपको बिलकुल अच्छी तरह आता है तो नौकरी लग जाती है जरूरी नहीं कि सारे सॉफ्टवेयर किए जाए किसी एक सॉफ्टवेयर को भी अच्छी तरह आने से आप नौकरी पर लग सकते हैं। पूरा सॉफ्टवेयर आने का मतलब होता है कि उसमें हर तरह का काम जो हो सकता है वह आप सब कर सकें सॉफ्टवेयर के साथ साथ अपना क्रिएटिव माइंड, आपकी गति स्पीड, आपका काम करने का तरीका, आपकी एक्यूरेसी, कंपनी इन सब चीजों पर ध्यान देती है आपको नौकरी देने से पहले तो यह सब आपको इंस्टीट्यूट में कोर्स करते टाइम ही सीखनी होती है।

अधिक जानकारी – More Information

जानकारी हेतु और इस कोर्स को समझने के लिए आप कभी भी Bapu Graphics की वेबसाइट पर या Bapu Graphics के सेंटर पर आ कर सकते हैं. जहां पर आपको यह जानकारी पूरे टाइम देकर और मुफ्त में प्रदान की जाएगी. जिससे आप कोर्स में एडमिशन लेने से पहले कोर्स को पूरा अच्छी तरह समझ नहीं और देख ले कि क्या काम करना है. और यदि आपका इंटरेस्ट बने इसमें  बने तभी आप इसमें अपने कैरियर के लिए आगे बड़े ।
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